दोस्तों, सांप एक ऐसा खतरनाक जीव है जिसके जहर की सिर्फ एक बूंद ही इंसान को मौत की नींद सुलाने के लिए काफी होती है। दरअसल, दुनियाभर के जहरीले सांप ऐसे टॉक्सिक यानी विष का उपयोग करते हैं जो किसी भी जीव को कुछ सेकेंड्स में मौत की नींद सुला देता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल दुनिया भर में सांप 54 लाख लोगों को काटते हैं। जिनमें से 81 हजार से लेकर 1.38 लाख लोग हर साल मारे जाते हैं। इन जहरीले सांपों के काटने के बाद लोगों के पास इतना समय भी नहीं होता कि वो पानी तो क्या हवा भी मांग सके। दर्द, जलन, भ्रम और जहर के असर से तड़प-तड़प कर मर जाता है।
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि चाइना में एक ऐसा गांव भी है जहां पर लोग इन खतरनाक जहरीले सांपों की खेती करते हैं। इस गांव की लाखों की आबादी केवल सांपों की खेती पर ही निर्भर है। वहां पर पलने वाले सांपों का अगर आंकड़ा देखा जाए तो वहां हर एक आदमी करीब 30,000 सांपों को संभाल रहा है। दोस्तों इस अनोखे गांव का नाम है जिसिकियाओ। चीन के इस गांव में लाखों की संख्या में अनेकों प्रकार के सांप पाले जाते हैं। इनमें से 30 लाख से भी अधिक जहरीले सांप होते हैं। यहां खेती किए जाने वाले सांपों में विशाल कोबरा, अजगर, और जहरीले वाइपर सहित कई जानलेवा सांप शामिल हैं। इन सांपों को पालना ही केवल यहां के लोगों का उद्देश्य नहीं होता, यहां अलग-अलग प्रजातियों के सांपों की ब्रीडिंग भी करवाई जाती है। पूरी दुनिया में इसे Snake farming के नाम से जाना जाता है। चीन के इस गांव के लोगों ने सांपों की खेती से इतना पैसा कमाया जितना आप सोच भी नहीं सकते।
यहां के लोगों को सांप पालते पालते उनकी इतनी आदत पड़ गई है, कि वह अब सांपों से बिल्कुल भी नहीं डरते। परंतु यहां के लोग अगर डरते भी है तो केवल एक ही प्रकार के सांप से जिसका नाम है फाइव स्टेप स्नेक।
अब आप में से बहुतों के मन में यह प्रश्न जरूर उठ रहा होगा कि इस सांप का नाम फाइव स्टेप कैसे पड़ गया? तो हम आपको बता दे, ऐसा माना जाता है कि इस सांप के काटने के बाद कोई भी व्यक्ति पांच कदम से ज्यादा नहीं चल पाता। उसकी मृत्यु हो जाती है। इसलिए इस सांप का नाम फाइव स्टेप स्नेक रखा गया है।
दोस्तों यह तो बात हुई जिसिकियाओ गांव की। आइए अब इसे जानते हैं__ जिसिकियाओ के लोगों ने कैसे Snake farming करना शुरु किया है। क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी।
आज से करीब 40 साल पहले जिसिकियाओ गांव में स्नेक फार्मिंग की शुरुआत गांव के ही एक किसान यांग होंगचैंग ने की थी। होंगचैंग ने खुद बताया है कि जब वो युवा थे, तो गंभीर रूप से बीमार पड़ गए। इलाज के लिए उन्हें सांप की जरूरत थी, जिसके लिए उन्होंने एक जंगली सांप को पकड़ा। अपनी सेहत में सुधार होने के बाद उन्हें सांप से जुड़े कारोबार का ख्याल आया और फिर उन्होंने सांपों के फार्म की शुरुआत करी। उनका उद्देश्य सांपों के जहर को दवाई बनाने वाली कंपनी तक पहुंचाना था और वो सांपों के मांस को ऐसे लोगों को बेचना चाहता था जो सांप खाने का शौक रखते हैं। इन दो उद्देश्यों से शुरू किया गया उसका व्यापार जल्द ही विकसित हो गया और कुछ ही दिनों में वह करोड़ों का मालिक बन गया। जब गांव के लोगों ने होंगचैंग को करोड़ों कमाते हुए देखा तो पूरा का पूरा गांव ही सांपों की खेती करने में लग गया और जल्द से जल्द अमीर बनने की चाहत में हर साल वहां 30 लाख से अधिक सांपों को पाला जाता है।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें, जिसिकियाओ’ गांव में पहले चाय, जूट और कपास की खेती होती थी, लेकिन आज न केवल चीन बल्कि पूरे विश्व में इसे स्नेक फार्मिंग के कारण जाना जाता है। दोस्तों, इस छोटे से गांव में करीब एक सौ स्नेक फॉर्म्स हैं, जहां आप लकड़ी और शीशे के छोटे छोटे बॉक्सेस में इन सांपों को बखूबी देख सकते हैं। यहां से सांपों के एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए प्लास्टिक के थैलों का इस्तेमाल किया जाता है। चाइना में जितने भी सांपों की जरूरत होती है, उसका 90% इसी गांव से लाया जाता है और सिर्फ चाइना में ही नहीं बल्कि अमेरिका, जर्मनी और साउथ कोरिया में भी यहां से सांप भेजे जाते हैं।
साँपों के बड़े होने के बाद उन्हें फार्म हाउस से बूचड़ खाने में ले जाया जाता है। जहां सबसे पहले सांपो का ज़हर निकाला जाता है और फिर इनका सर काट दिया जाता है। इसके बाद सांप को काटकर उसका मीट निकला जाता है। चीन में ऐसा माना जाता है की सांप के मीट से बना सूप इम्यून सीस्टम के लिए बहुत लाभदायक होता है। इनकी पूंछों का इस्तेमाल भोजन के लिए किया जाता है। जबकि दूसरी तरफ कई सांपो को सर काटने के बाद सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। इन सांपो का उपयोग दवा उद्योग में किया जाता है। दरअसल सांपों में पाया जाने वाला जहर इंसानों के लिए बहुत उपयोगी होता है। इनके जहर का इस्तेमाल से कैंसर, पार्किंसन व अल्जाइमर जैसे बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयां तैयार की जाती हैं।
कई प्रकार के सांपों का उपयोग सेक्स पॉवर की दवाएं बनाने में भी होता है। दोस्तों, दुनिया में सांपों की जितनी नस्लें हैं, उतने ही तरह के इसके ज़हर भी होते हैं। अब सांप के ज़हर की इतनी वेराइटी है, तो ज़ाहिर है, उनके फ़ायदे भी कई तरह के होंगे। सांप के ज़हर से ऐसी दवाएं बनाई जाती हैं, जो दिल की बीमारियों से लड़ने में भी काम आती हैं। आज हाई ब्लड प्रेशर से लड़ने में भी सांप के ज़हर से बनी दवाएं काफ़ी इस्तेमाल हो रही हैं। दिल के दौरे और हार्ट फेल होने की स्थिति में भी सांप के ज़हर से बनी दवाएं बहुत कारगर हैं। सांप के जहर की उपयोगिता को देखते हुए आज देश-विदेश में इसकी भारी मांग है। मांग की अधिकता को देखते हुए ही सांपो में पाया जाने वाले जहर के 1 लीटर की कीमत लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में होती है। साथ ही सांप के जहर की बड़े पैमाने पर तस्करी भी होती है।
दोस्तों, सांपों की उपयोगिता को देखते हुए इसकी खेती एक तरह से सही भी है लेकिन क्या हो उन नकली खाद्य पदार्थों का जिसे चाइना धड़ल्ले से बनाकर मार्केट में उतार रही है। दोस्तों, अब आप इस अखरोट को ही देख लीजिए। इसे देखने से बिल्कुल भी नहीं पता चलेगा कि इनके अंदर सीमेंट भरा हुआ है। चीन में अखरोट के अंदर सीमेंट को किसी कागज या कपडे़ से लपेट कर रख दिया जाता है, जिससे वह हिलाने पर आवाज ना करे। इसके अलावा ये असली अखरोट के मुकाबले ज्यादा भारी भी होते हैं, जिसके कारण दुकानदार अच्छा खासा पैसा कमा लेते हैं। दोस्तों, अब आप इस बंद गोभी को देखिए। देखने में तो यह बिल्कुल असली लग रही होगी लेकिन चाइना ने इसे भी नकली बना दिया है इसे गर्म करने पर पता चलता है कि यह प्लास्टिक से बनी है। दोस्तों China ने तो मसालों को भी नही छोड़ा है। आप इस काली मिर्च को देखिए, इस काली मिर्च को देखकर कोई कह नहीं सकता कि इसे मिट्टी से तैयार किया गया है, जिसे खाने के बाद आप हर तरह के गैस्ट्रिक इंफेक्शन का शिकार हो सकते हैं। दोस्त चाइना किस तरह से लोगों को ठग रही है आप यह साफ सकते हैं।
दोस्तों, आज खाद्य पदार्थों में मिलावट करना एक आम बात हो गई। लेकिन अपने टेस्ट के लिए जानवरों को धड़ल्ले से मारना इस पर आप क्या कहेंगे। चीन एक ऐसा देश है जहां सांप से लेकर भालू, ऊंट, गधा, कुत्ता, बिल्ली और चमगादड़ तक को बड़े चाव से खाया जाता है।
चीन का वूहान सी-फूड मार्केट तो आपको याद ही होगा। चीन से जो जानलेवा वायरस पूरी दुनिया में फैला था, वो इसी बाजार की आबोहवा में पैदा हुआ है। दोस्तों, इस सुपर मार्केट को चीन का सबसे बड़ा सुपर मार्केट माना जाता है। जहां जंगली जानवरों से लेकर समुद्री जंतुओं तक का फ्रेश मीट मिनटों में मिल जाता है। इस मार्केट की खासियत ये है कि यहां 112 से ज्यादा जंतुओं का मीट मिलता है। भालू से लेकर हिरण तक…ना जाने कितने ही जानवर इस बाजार में जिंदा पिंजरों पर लटके रहते हैं। आर्डर आते ही उन्हें कस्टमर के सामने पलक झपकते मशीनों या हाथ से काट दिया जाता है। चाइना के इस मार्केट में आपको दुनिया भर के किसी भी जानवर का मीट मिल जाएगा। ये बाजार है ही ऐसा कि कोई भी इसे देखकर हैरान रह जाए। अगर हम भारतीय इस बाजार को अपनी आंखों से देख लें तो शायद हमारी रातों की नींद उड़ जाए। वैसे दोस्तों आपको क्या लगता है कि ऐसे मार्केट को सरकार बैन करना चाहिए या नहीं हमें कमेंट में जरूर बताएं।